GST परिषद्

देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए संविधान (122 वें संशोधन) विधेयक 2016 को राष्ट्रपति ने 8 सितंबर 2016 को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही इसे अधिसूचित कर दिया गया। यह अधिसूचना अनुच्छेद 279 ए के तहत लागू किया गया 2016 से क्रियान्यवित हुआ। अनुच्छेद 279 ए के अनुसार संविधान संसोधन, जीएसटी परिषद केंद्र एवं राज्य सरकारों का संयुक्त मंच है।

संसद के दोनों सदनों द्वारा संवैधानिक (122वांँ संशोधन) विधेयक पारित होने के बाद वस्तु और सेवा कर व्यवस्था लागू हुई।

इसके बाद 15 से अधिक भारतीय राज्यों ने अपने राज्य विधानसभाओं में इसकी पुष्टि की जिसके बाद राष्ट्रपति ने अपनी सहमति दी। GST परिषद केंद्र और राज्यों का एक संयुक्त मंच है।


इसे राष्ट्रपति द्वारा संशोधित संविधान के अनुच्छेद 279A(1) के अनुसार स्थापित किया गया था। परिषद के सदस्यों में केंद्रीय वित्त मंत्री (अध्यक्ष), केंद्रीय राज्य मंत्री (वित्त) शामिल हैं। प्रत्येक राज्य वित्त या कराधान के प्रभारी मंत्री या किसी अन्य मंत्री को सदस्य के रूप में नामित किया जा सकता है।

इसमें निम्मलिखित सदस्य शामिल होंगे।

1. केंद्रीय वित्त मंत्री- अध्यक्ष

2. राज्य मंत्री, वित्त राजस्व के प्रभारी सदस्य

3 मंत्री प्रभारी वित्त, कराधान या 4 किसी राज्य सरकार द्वारा मनोनीत अन्य मंत्री सदस्य


GST का परिचय

GST को 101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 के माध्यम से पेश किया गया था।

यह देश के सबसे बड़े अप्रत्यक्ष कर सुधारों में से एक है।

इसे 'वन नेशन वन टैक्स' (One Nation One Tax) के नारे के साथ पेश किया गया था।

GST में उत्पाद शुल्क, मूल्यवर्द्धित कर (VAT), सेवा कर, विलासिता कर आदि जैसे अप्रत्यक्ष करों को सम्मिलित किया गया है।