सामान्य परिचय
प्राचीन वराह नगरी भी कहा जाता है |
बारा जिले में सर्वाधिक सहरिया जनजाति निवास करती है |
बारां जिले को 10 अप्रैल 1991 को कोटा जिले से पृथक कर स्वतंत्र जिला बनाया गया।
बारा जिले का क्षेत्रफल कितना है : 6992 वर्ग किलोमीटर।
बारा की अक्षांशीय स्थिति : 24 डिग्री 25 मिनट उत्तरी अक्षांश से 25 डिग्री 25 मिनट उत्तरी अक्षांश तक।
बारां की देशांतरीय स्थिति : 76 डिग्री 12 मिनट पूर्वी देशांतर से 76 डिग्री 26 मिनट पूर्वी देशांतर तक।
बारां जिले में कुल 4 विधानसभा क्षेत्र हैं।
बारां जिले से होकर पार्वती नदी तथा परवन नदी गुजरती है।
छबड़ा बिजली परियोजना :राजस्थान का तीसरा सबसे बड़ा बिजली घर है |
मेले एवं त्यौहार
डोल मेला : यह डोल तालाब बारां में जलझूलनी एकादशी (भाद्रपद शुक्ला ग्यारस) को भरता है।
सीताबाड़ी का मेला : यह मेला सीताबाड़ी बारा में जेष्ठ अमावस्या के दिन भरता है इसे सहरिया जनजाति का कुंभ भी कहा जाता है। यहां पर इस मेले में सहरियाओं का स्वयंवर होता है।
ब्रह्माणी माता का मेला : यह मेला सोरसन बारा में माघ शुक्ल सप्तमी को भरता है। यहां गधों का मेला भी लगता है।
धनुष लीला मेला : यह मेला अटरू बारां में भरता है।
बीजासन माता का मेला : यह मेला छबड़ा गुगोर (बारां_ में माघ सुदी 4-15 को भरता है।
फूलडोल शोभायात्रा महोत्सव : इसे श्रीजी का मेला भी कहा जाता है। यह किशनगंज बारां में फाल्गुन मास की पूर्णिमा को भरता है।
रामेश्वर महादेव मेला : यह मेला बारां के शाहाबाद नामक स्थान पर फाल्गुन सुदी चौथ को भरता है।
कपिल धारा का मेला: सहरिया जनजाति का तीर्थ स्थल
प्रमुख मंदिर
भंडदेवरा शिव मंदिर (राजस्थान का मिनी खजुराहो/हाड़ोती का खजुराहो )
ब्रह्माणी माता का मंदिर (देवी की पीठ की पूजा )
शाही जामा मस्जिद: राजस्थान की सबसे बड़ी मस्जिद
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