सामान्य परिचय

1858 ईसवी में  राव बीका ने बीकानेर शहर बसाकर अपनी इसे राजधानी बनाया था।

बीकानेर जिले के उपनाम/प्राचीन नाम : राती घाटी, जांगल प्रदेश, ऊन का घर ।

30 मार्च 1949 को बीकानेर रियासत का राजस्थान में विलय हो गया था।

बीकानेर जिले में कुल कितने विधानसभा क्षेत्र हैं : 7

 

प्रमुख मेले और त्यौहार

निर्जला ग्यारस मेला : यह मेला बीकानेर के लक्ष्मीनाथ मंदिर में ज्येष्ठ सुदी ग्यारस को भरता है।

भट्टापीर का उर्स : यह बीकानेर के गजनेर में भादवा सुदी 8-10 को भरता है।

नागणेशी माता का मेला : यह मेला बीकानेर में नवरात्रों के अवसर पर भरता है।

भेरू जी का मेला : यह मेला बीकानेर के कोडमदेसर क्षेत्र में भादवा सुदी तेरस को भरता है।

करणी माता का मेला : यह मेला बीकानेर के देशनोक में नवरात्रा (कार्तिक एवं चैत्र माह) में भरता है।

कपिल मुनि का मेला : यह मेला श्री कोलायत जी में कार्तिक पूर्णिमा को भरता है।

चनणी चेरी मेला : इसे सेवकों का मेला भी कहा जाता है। यह देशनोक बीकानेर में फाल्गुन सुदी सप्तमी को भरता है।

 

प्रमुख मंदिर

करणी माता का मंदिर (देशनोक, बीकानेर)

मुकाम-तालवा (नोखा, बीकानेर)

श्री कोलायत जी

भांडासर के जैन मंदिर (नीव में घी का प्रयोग ,जैन तीर्थंकर सुमति नाथ को समर्पित)

हेरंब गणपति मंदिर

 

पर्यटन स्थल

जूनागढ़ का किला (प्राचीन नाम - बिका की टेकरी)

लालगढ़ पैलेस

देवी कुंड सागर

लोक देवता बिग्गाजी का मेला

रामपुरिया हवेली

शिव बाड़ी मंदिर

सांडेश्वर जैन मंदिरगजनेर वन्यजीव अभयारण्य

सौंथी

डोडा थोरा

 

बीकानेर में महत्वपूर्ण संस्थान

केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान बीकानेर में स्थित है।

एशिया की सबसे बड़ी ऊन मंडी

राजस्थानी भाषा ,साहित्य एवं संस्कृति  अकादमी  बीकानेर    1983

राजस्थान राज्य अभिलेखागार  1955

केंद्रीय ऊंट प्रजनन केंद्र

राज्य का पहला गिद्द सरंक्षण केंद्र

शार्दुल खेल स्कूल

 

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