जयपुर जिले का सामान्य परिचय

जयपुर जिले के उपनाम/प्राचीन नाम : सिटी ऑफ आइसलैंड, गुलाबी नगर, पिंक सिटी, रंग श्री द्वीप, राजस्थान की राजधानी, पूर्व का पेरिस, हेरीटेज सिटी, वैभव द्वीप, पन्ना नगरी, दूसरा वृंदावन, रत्न नगरी, भारत का पेरिस|

जयपुर नगर का निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा 18 नवंबर 1727 को विख्यात बंगाली वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य के निर्देशन में 90 डिग्री कोण सिद्धांत पर करवाया था।

प्रिंस अल्बर्ट एडवर्ड (सम्राट एडवर्ड सप्तम) के जयपुर आगमन पर जयपुर नरेश सवाई रामसिंह द्वितीय ने जयपुर को 1863 ईस्वी में गुलाबी रंग से रंगवाया था इसीलिए जयपुर का नाम गुलाबी नगरी (पिंक सिटी) पड़ा।

 

जयपुर जिले के प्रमुख मेले एवं त्यौहार

बाणगंगा मेला : यह मेला जयपुर के विराटनगर में वैशाख पूर्णिमा को भरता है।

तीज की सवारी मेला : यह मेला जयपुर में श्रावण शुक्ल तृतीया को भरता है।

गणगौर मेला : यह मेला जयपुर में चैत्र शुक्ला तीज एवं चौथ को भरता है।

शीतला माता का मेला : यह मेला चाकसू जयपुर में चैत्र कृष्ण अष्टमी को भरता है।

गधों का मेला : यह मेला जयपुर के सांगानेर क्षेत्र में आश्विन कृष्ण सप्तमी से आश्विन कृष्ण एकादशी तक भरता है।

 

जयपुर में स्थित प्रमुख संस्थांए(प्रथम)

 

राजस्थान में प्रथम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा सांगानेर (जयपुर)

राजस्थान का प्रथम विश्वविद्यालय  राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर (1947)

प्रथम दूरदर्शन प्रसारण सेवा  जयपुर (1977)

प्रथम स्टॉक एक्सचेंज जयपुर (1989)

प्रथम विज्ञान एवं तकनीकी पार्क  जयपुर

भारत का प्रथम महिला विधि विश्वविद्यालय जयपुर

 

जयपुर जिले के प्रमुख मंदिर

 

शाकंभरी माता का मंदिर

लक्ष्मी नारायण मंदिर (बिरला मंदिर)

गलता जी तीर्थ

देवयानी, जयपुर

शीतला माता का मंदिर, चाकसू

श्री गोविंद देवजी का मंदिर

जगत शिरोमणि मंदिर, आमेर

जमवाय माता का मंदिर

गणेश मंदिर

आमेर की शिला माता का मंदिर

ज्वाला माता का मंदिर

कल्कि माता का मंदिर

नकटी माता का मंदिर

खलकाणी माता का मंदिर

सिद्धेश्वर शिव मंदिर

चूलगिरी के जैन मंदिर

महामाई माता का मंदिर (रेनवाल की लोक देवी)

मंदिर श्री माताजी मावलियान

बृहस्पति देव का मंदिर

पदम प्रभु मंदिर

चूलगिरी के जैन मंदिर

तारकेश्वर शिव मंदिर