राजस्थान में प्रजामण्डल आंदोलन
जयपुर प्रजामण्डल(1931)
• सन् 1931 में कर्पूरचन्द पाटनी व जमनालाल बजाज के प्रयासों से जयपुर प्रजामण्डल की स्थापना की गयी।
• सन् 1936 में जयपुर प्रजामण्डल का पुनगर्ठन हुआ एवं चिरंजीलाल मिश्र अध्यक्ष को बनाया गया।
• सन् 1938 में जयपुर प्रजामण्डल अध्यक्ष जमना लाल बजाज को बनाया गया।
• सन् 1942 में जयपुर प्रजामण्डल के तत्कालीन अध्यक्ष हीरालाल शास्त्री व रियासती प्रधानमंत्री मिर्जा इस्माइल के बीच जेन्टलमेट्स समझौता हुआ।
• प्रजामण्डल को भारत छोड़ो आन्दोलन से अलग रखा गया।
बीकानेर प्रजामण्डल(4 अक्टूबर 1936)
• 4 अक्टूबर, 1936 को वैद्य मघाराम(अध्यक्ष) व श्री लक्ष्मणदास स्वामी द्वारा गठित किया गया।
• राजस्थान का एकमात्र प्रजामण्डल जिसकी स्थापना कलकत्ता में हुई।
• 22 जुलाई 1942 में रघुवरदयाल द्वारा बीकानेर राज्य परिषद् का गठन किया गया।
मेवाड़ प्रजामण्डल(24 अप्रेल 1938)
• मेवाड़ प्रजामण्डल की स्थापना का श्रेय माणिक्यलाल वर्मा को जाता है। उनके प्रयासों से उदयपुर में 24 अप्रैल 1938 को बलवंतसिंह मेहता की अध्यक्षता में मेवाड़ परजमण्डल की स्थापना की गयी।
• 25-26 नवम्बर 1941 में मेवाड़ प्रजामण्डल का प्रथम अधिवेशन उदयपुर की शाहपुरा हवेली में माणिक्य लाल वर्मा की अध्यक्षता में हुआ, जिसका उद्घाटन जे.बी. कृपलानी ने किया।
प्रजामंडल ने बेगार एवं बलेठ प्रथा के खिलाफ अभियान चलाया।
• 9 अगस्त 1942 को शुरू किये गए भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने के कारण मेवाड़ प्रजामंडल को गैर कानूनी घोषित कर दिया गया।
मारवाड़ प्रजामण्डल(1934)
• सन् 1934 मारवाड़ प्रजामण्डल की स्थापना जयनारायण व्यास(शेर-ए-राजस्थान) ने जोधपुर में की एवं भंवरलाल सर्राफ को मारवाड़ प्रजामण्डल का अध्यक्ष बनाया गया।
• सन् 1937 में मारवाड़ प्रजामण्डल को गैर कानूनी घोषित कर दिया गया।
• इसके बाद 1938 में रणछोड़ दास गट्टानी की अध्यक्षता में मारवाड़ लोक परिषद् का गठन हुआ।
• मारवाड़ लोक परिषद् में महिमा देवी किंकर के नेतृत्व में महिलाओं ने भाग लिया।
• 1942 में मारवाड़ लोक परिषद् ने भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय हिस्सा लिया।
भरतपुर प्रजामण्डल(1938)
• भरतपुर रियासत में अंग्रेज सरकार की दमनकारी निति की विरोध में 1928 में भरतपुर राज्य प्रजा संघ की स्थापना की गयी।
• इसके बाद 1938 में श्री किशन लाल जोशी के प्रयासों से भरतपुर प्रजामण्डल की स्थापना की गयी।
बूंदी प्रजामण्डल(1931)
• सन् 1931 में श्री कांतिलाल द्वारा स्थापित किया गया ।
• बूंदी राज्य लोक परिषद की स्थापना जुलाई 1944 में हरिमोहन माथुर एवं बृजसुंदर शर्मा द्वारा की गई।
कोटा प्रजामण्डल(1934)
• हाड़ोती प्रजामण्डल के नाम से नयनूराम शर्मा एवं प्रभुलाल विजय द्वारा की गयी।
• सन् 1938 में नयनूराम शर्मा व अभिन्न हरि द्वारा कोटा प्रजामण्डल गठित किया गया।
करौली प्रजामण्डल(18 अप्रेल 1939)
• 18 अप्रैल, 1939 में श्री त्रिलोकचंद माथुर, चिरंजीलाल शर्मा व कुंवर मदन सिंह द्वारा गठित।
धौलपुर प्रजामण्डल(1936)
• सन् 1936 में कृष्णदत्त पालीवाल, श्री मूलचंद श्री ज्वाला प्रसाद जिज्ञासु आदि द्वारा गठित।
शाहपुरा(18 अप्रेल 1938)
• 18 अप्रैल, 1938 को श्री रमेशचन्द्र औझा, लादूराम व्यास व अभयसिंह डांगी द्वारा श्री माणिक्य लाल वर्मा के सहयोग से गठित किया गया।
• शाहपुरा प्रथम रियासत थी जिसने उत्तरदायी शासन की स्थापना की।
अलवर प्रजामण्डल(1938)
• सन् 1938 में पं. हरिनारायण शर्मा एवं कुंजबिहारी मोदी द्वारा स्थापित किया गया।
• सन् 1939 में इसके रजिस्ट्रेशन के बाद सरदार नत्थामल इसके अध्यक्ष बने।
सिरोही प्रजामण्डल(23 जनवरी 1939)
• 23 जनवरी 1939 को श्री गोकुलभाई भट्ट की अध्यक्षता में सिरोही प्रजामण्डल का गठन हुआ।
किशनगढ़ प्रजामण्डल(1939)
• 1939 में श्री कांतिलाल चौथानी एवं श्री जमालशाह(अध्यक्ष) द्वारा स्थापित हुआ।
कुशलगढ़ प्रजामण्डल(अप्रेल 1942)
• अप्रैल, 1942 में श्री भंवरलाल निगम(अध्यक्ष) व कन्हैयालाल सेठिया द्वारा गठित हुआ।
बांसवाड़ा प्रजामण्डल(1943)
• सन् 1943 में भूपेन्द्रनाथ त्रिवेदी, धूलजी भाई भावसर, मणिशंकर नागर आदि द्वारा स्थापित।
डूंगरपुर प्रजामण्डल(1 अगस्त 1944)
• भोगीलाल पाड्या (वागड़ का गांधी) एवं शिवलाल कोटरिया द्वारा गठित किया गया।
प्रतापगढ़ प्रजामण्डल(1945)
• सन् 1945 में श्री चुन्नीलाल एवं अमृतलाल के प्रयासों से स्थापित हुआ।
जैसलमेर प्रजामण्डल(15 दिसम्बर 1945)
• 15 दिसम्बर, 1945 को मीठालाल व्यास ने जोधपुर में जैसलमेर प्रजामण्डल की स्थापना की।
झालावाड़ प्रजामण्डल(25 नवम्बर 1946)
• 25 नवम्बर, 1946 को श्री मांगीलाल भव्य(अध्यक्ष), कन्हैयालाल मित्तल, मकबूल आलम द्वारा गठित गया।