परिचय

 

विरासत का शहर, राजस्थान का नागपुर, हैरिटेज सिटी व राजस्थान का चेरापुंजी।

झालरापाटन को घंटीयो का शहर कहते है।

कोलवी गुफाए राजस्थान का एलोरा कहलाती है।

प्राचीन नाम - ब्रजनगर, खींचीवाड़ व उम्मेदपुरा की छावनी।

झालरापाटन की स्थापना झाला जालिम सिंह के द्वारा 1792 में की गई।

झालरापाटन सुर्य मंदिरो के लिए प्रसिद्ध है।

झालावाड रियासत की स्थापना 12 अप्रेल 1838 में झाला मदन सिंह ने की व इसकी राजधानी पाटन को बनाया।

1949 में इसका विलय वृहद राजस्थान में किया गया।

झालावाड राजस्थान की सबसे नवीनतम रियासत है व मेवाड सबसे प्राचीन रियासत है।

झालावाड अंग्रेजो द्वारा स्थापित राज्य की पहली रियासत है।

झालावाड के अंतिम राजा हरिश्चंद्र थे।

संतरो की अधिक पैदावार के कारण इसे राजस्थान का नागपुर कहते है।

 

मेले और त्योहार

 

चंद्रभागा मेला : यह मेला झालरापाटन में कार्तिक पूर्णिमा को भरता है।

बंगाली बाबा का मेला : यह मेला झालावाड़ के खानपुर में मकर सक्रांति के अवसर पर भरता है।

गागरोन उर्स : यह झालावाड़ के गागरोन में जेठ शुक्ला प्रथम को भरता है।

गोमती सागर मेला : यह मेला झालावाड़ के झालरापाटन में वैशाख पूर्णिमा को भरता है।

 

प्रमुख मंदिर

 

पदम नाथ मंदिर (झालरापाटन का वैष्णो मंदिर, सात सहेलियों का मंदिर, घंटियों का मंदिर,

चारभुजा का मंदिर)

शीतलेश्वर (चंद्रमौलेश्वर) महादेव मंदिर

चंद्रभागा मंदिर

द्वारकाधीश मंदिर

झालरापाटन का शांतिनाथ जैन मंदिर

सूर्य मंदिर

नागेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर

आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर

चांदखेड़ी का जैन मंदिर

 

पर्यटन स्थल

 

दर्रा मुकुंदरा हिल्स वन्यजीव अभयारण्य

भवानी नाट्यशाला(भवानी सिंह द्वारा निर्मित )

कोलवी की बौद्ध गुफाएं (झालरापाटन)

संत मीठे साहब की दरगाह

गागरोन दुर्ग (जल दुर्ग ):-यह एक जल दुर्ग है जो आडू व कालीसिंध नदी के संगम पर बना है। यह दुर्ग बिना नींव के एक चट्टान पर सीधे ही बनाया गया है। यहां के राजा प्रताप राव व संत पीपा के नाम प्रसिद्ध है। यहां सुफी संत हमीमुदीन मिट्ठे साहब की दरगाह है।

संत पीपा की छतरी

नवलक्खा दुर्ग

 

झालावाड़ में बहने वाली नदिया

 

कालीसिंध - मध्यप्रदेश के देवास जिले दो बांगली गांव से इसका उदगम होता है। यह राज्य मे झालावाड के रायपुर नामक स्थान से प्रवेश करती है। यह नदी कोटा व झालावाड के मध्य सीमा बनाती है।

आहु नदी - इस नदी पर मुकुंदरा हिल्स अभ्यारण्य स्थित है।

नेवज नदी - यह राज्य में झालावाड के कोलुखेडी के निकट प्रवेश करती है तथा मवासा के निकट परवन नदी मे मिल जाती है।

पिपलाज नदी - पंचपहाड तहसील के मध्य से उदगम व चोखेरी के निकट आहु नदी में मिल जाती है।

चन्द्रभागा नदी - झालावाड के सेमली गांव से उद्गम व झालरापाटन के पास कालीसिंध नदी में मिलन।